हरियाणा में बढ़ता जातीय विद्बेष
सरकार की शह में शिकार हो रहा है दलित समाज हरियाणा प्रदेश का नाम कुछ साल पहले जहां दूध-दही के लिए जाना जाता था। वहीं, नाम इन दिनों महिला व दलित उत्पीड़न में शुमार हो रहा है। पिछले एक दशक में प्रदेश दलित और स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पिछले महीने में ही हरियाणा राज्य में महिलाओं के साथ बलात्कार की लगातार 18 घटनाएं हुईं, जिनमें 16 दलित महिलाएं थी। जब से हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की सरकार सत्तानसीन हुई, बलात्कार और दलित उत्पीड़न की घटनाएं आम बात हो गई है। गोहाना, मिर्चपुर, झज्जर की घटनाओं के बाद पिछले 25 मार्च को हिसार जिले के भगाणा गाँव की चार दलित लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार की दिल दहला देने वाली घटना घटी। जिसके इंसाफ के लिए दो माह बाद भी लोग न्याय के लिए गुहार लगा रहे है। सैंकड़ों लोग जंतर-मंतर पर सपरिवार बैठे धरना दे रहे है। लेकिन हरियाणा सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। हरियाणा में दबंग जातियों का वर्जस्व लगातार बढ़ता जा रहा है। वे किसी भी रूप में अपनी पुरानी जमीन को खिसकते हुए नहीं देखना चाहती। दलितों पर अत्याचार तो हुड्डा सरकार के पहले