संघर्ष विराम उल्लंघन और पाकिस्तान के आंतरिक समीकरण
केंद्ग में नई मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की शिरकत से जो उम्मीद बंधी थी, वह अच्छे संकेत का सूचक बनी। लगा कि दशकों से चली आ रही भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बहाली की प्रक्रिया में तेजी होगी। लेकिन एकबार फिर सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन ने दोनों देशों की सीमा पर तल्खी बढ़ गई है। अपनी राष्ट्रीय पहचान बनाने में नाकाम पाकिस्तान इस समय बुरी तरह डरा हुआ है। लगातार गोलाबारी इसी असफलता का परिणाम व सूचक है। जहां इस तरह की घटनाओं के माध्यम से भारत में बनी नई केंद्ग सरकार को परखा जा रहा है। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी कमजोर किया जा रहा है ताकि भारत के साथ किसी तरह की मैत्री अथवा घनिष्ठता की संभावना को खत्म किया जा सके। हालांकि पाकिस्तान द्बारा संघर्ष विराम के उल्लंघन से बाज नहीं आ रहे पाकिस्तान पर अब मोदी सरकार आरपार के मूड में दिख रही है। इस मुद्दे पर न सिर्फ रक्षा व गृह मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया है बल्कि प्रधानमंत्री भी चुनावी सभाओं में पाकिस्तान को कड़ी नसीहत दे रहे हैं। दरअसल, आइएसआइ के कब्जे में पाक सेना द्बारा छेड़ा गया युद्ध यह