Posts

Showing posts from June, 2011

यहां हर रोज होती है रावण की पूजा

Image
यहां हर रोज होती है राण की पूजाआधस समाज राण को महात्मा मानता है मुकेश शर्माफरीदाबाद। क्या आपने दस सिरों के राण के अलाा सौम्य और सुंदर राण देखा है। राण के चेहरे पर क्रोध की लकीरें न होकर हाथ बांधे किसी के सामने याचना करता हुआ दिखाई दे, तो आपको कैसा लगेगा। आपका उत्तर रहेगा अजीब और आश्चर्यजनक। जी हां, अपने शहर में सुंदर, सौम्य और याचना करता राण भी है। लोग इस राण की हर दिन पूजा करते हैं और उससे र भी मांगते हैं। लोगों की आस्था तो इससे भी आगे है। इस समुदाय के लोगों ने अपने और अपने बच्चों के नाम भी राण से प्रेरित होकर रखे हैं। एक आेर इस शहर में भी असत्य का प्रतीक मानकर राण का दहन किया जाता है, तो यह समुदाय राण को महात्मा साबित करने की कोशिश में है। एनआईटी पांच स्थितोल्मिकी मंदिर में लगी राण की मूर्ति समाज के अलग दृष्टिकोण की आेर संकेत करती है। समाज के लोग यहां प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में पूजा-अर्चना करते हैं। राण के बारे में जब आधस के जिला अध्यक्ष कुंरपाल आदिासी से बात हुई, तो उन्होंने कहा कि भगानोल्मिकी ने ही आदि धर्म की शुरुआत की थी। भगानोल्मिकी की लिखी गई रामायण तोड़-मरोड़कर टी आदि में