छात्र अपना रास्ता खुद चुनने
समी ेिकानंद ने युा र्ग को राष्ट्र कार्य करने के लिए सदा आह्वान किया। े कहते थे कि यदि किसी देश का भष्यि जानना चाहते हो उस देश के युा के दिल को झांक कर देखो कि उस दिल में क्या चल रहा है। यह बात बिल्कुल ठीक भी है। युा र्ग ही समाज को सही दिशा दे सकता है। शर्ते ये है कि ह किस दिशा में जा रहा है। इसीलिए आज हर राजनीतिक पार्टी से लेकर हर संगठन युाओं को साथ में मिलाने का प्रयास कर रहा है। अन्ना हजारे बुजुर्ग होकर भी बुजुगर्ो को अपने आंदोलन में शामिल होने की बजाय युाओं से ज्यादा अपील करते नजर आए तो बाबा रामदे अब युाओं को योग की आेर आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रहे है। भारतीय युा भी अब अपनी शक्ति पहचान चुका है। इसीलिए उभरते भारत से श् िका हर देश डर रहा है। इन युाओं में छात्रों की महत्ता को कम आंकना सही नहीं है। इसलिए युा र्ग को सही मार्गदर्शन देने से पहले छात्र र्ग को सही मार्गदर्शन देने की जरूरत महसूस होती है। कांग्रेसी युराज भी इस छात्र को अपनी आेर लुभाने के लिए कालेज, श्ििद्यालयों की खाक छान रहे है। लेकिन क्या राहुल जो छात्रों को सपने दिखा रहे है ो सही है या इन छात्रों को सपने कुछ और देख