'युवा’ बदलेंगे भारत का तस्वीर
'युवा’ शब्द सुनते ही चौड़ा सीना, फौलादी भुजाएं और आत्मविश्वास से लबालब भरा एक ऐसा शख्स सामने आता है, जो कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता है। उसमें इतना जोश रहता है कि वह किसी भी चुनौती को स्वीकारने के लिये तैयार रहता है। चाहे वह कुर्बानी ही क्यों न हो। नौजवान अतीत का गौरव और भविष्य का कर्णधार होता है। देश की तरक्की में युवाओं का बहुत बड़ा हाथ होता है, यूं कहें तो युवावर्ग देश के भाग्य विधाता होते हैं। 16वां लोकसभा चुनाव भी इन युवाओं के इर्द-गिदã रहने वाला है। कोई भी राजनैतिक दल युवाओं को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहता। युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनैतिक दल हर संभव कोशिश में जूटे है। साथ ही युवा वर्ग भी इसबार चुनावों पर पैनी नजर रख्ो हुए है। वह न केवल वोट की कीमत को समझ रहा है। बल्कि सक्रिय राजनीति भी उतर रहा है। तीन वर्ष पहले समाजसेवी अन्ना हजारे द्बारा जनलोकपाल आंदोलन में जिसतरह युवाओं की भूमिका रही, उस देखकर भारतीय विेषकों ने एक अच्छे भारत की कल्पना शुरू कर दी थी। क्योंकि व्यवस्था को उखाड़ने का काम बुर्जुग