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Showing posts from April, 2014

'युवा’ बदलेंगे भारत का तस्वीर

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                                                                   'युवा’ शब्द सुनते ही चौड़ा सीना, फौलादी भुजाएं और आत्मविश्वास से लबालब भरा एक ऐसा शख्स सामने आता है, जो कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता है। उसमें इतना जोश रहता है कि वह किसी भी चुनौती को स्वीकारने के लिये तैयार रहता है। चाहे वह कुर्बानी ही क्यों न हो। नौजवान अतीत का गौरव और भविष्य का कर्णधार होता है। देश की तरक्की में युवाओं का बहुत बड़ा हाथ होता है, यूं कहें तो युवावर्ग देश के भाग्य विधाता होते हैं। 16वां लोकसभा चुनाव भी इन युवाओं के इर्द-गिदã रहने वाला है। कोई भी राजनैतिक दल युवाओं को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहता। युवा मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनैतिक दल हर संभव कोशिश में जूटे है। साथ ही युवा वर्ग भी इसबार चुनावों पर पैनी नजर रख्ो हुए है। वह न केवल वोट की कीमत को समझ रहा है। बल्कि सक्रिय राजनीति भी उतर रहा है। तीन वर्ष पहले समाजसेवी अन्ना हजारे द्बारा जनलोकपाल आंदोलन में जिसतरह युवाओं की भूमिका रही, उस देखकर भारतीय विेषकों ने एक अच्छे भारत की कल्पना शुरू कर दी थी। क्योंकि व्यवस्था को उखाड़ने का काम बुर्जुग

भ्रष्टाचार के खिलाफ एबीवीपी का शंखनाद

भ्रष्टाचार के खिलाफ एबीवीपी का शंखनाद अखिल भारतीय व�¤ �द्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को तेज करते हुए एक यूथ फोरम की घोषणा की है. नई दिल्ली में एबीवीपी द्वारा आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘यूथ अगेंस्ट करप्शन’ नाम के इस मंच की घोषणा की गई. ये मंच पूरे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ने और जनजागरण का काम करेगा. यूथ अगेंस्ट करप्शन भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए समाधान की दिशा में कोशिश करेगा और जनादेश तैयार करने के लिए देश भर में अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम, धरना, प्रदर्शन, सेमिनार और संगोष्ठी आयोजित करेगा. विदेश में स्थित बैंकों से भारतीय धन वापस लाने हेतु नए कानून बनाने की पहल भी ये मंच कर रहा है. आज हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में एक ड्राफ्ट बिल भी प्रस्तावित किया गया. इसे देश की सबसे बड़ी पंचायत में पेश करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा. इस फोरम की राष्ट्रीय टीम और प्रांतीय संयोजकों की घोषणा एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री उमेश दत्त ने आज की. फोरम के राष्ट्रीय संयोजक सुनील बंसल (दिल्ली) तथा सह-संयोजक के रूप में विष्णुदत्त शर्मा (भोपा

राष्ट्रीय पुर्ननिर्माण में जूटा विद्यार्थी परिषद् और उसकी जरूरत

राष्ट्रवादी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के 65वें स्थापना दिवस (9 जुलाई, 2०13) पर आहुत लेख। राष्ट्रीय पुर्ननिर्माण में जूटा विद्यार्थी परिषद् और उसकी जरूरत  सरिता वशिष्ठ भारतीय इतिहास युवाओं के लिए सदा प्रेरणादायी रहा है और रहेगा। प्रथम स्वातं`य समर 1857 की बात हो या आजादी की लड़ाई, हर मोर्चे पर युवाओं ने सीना चौड़ा कर दुश्वमनों के दांत खट्टे किए है। इन आन्दोलन में युवा-छात्रों की प्रमुख भूमिका रही है, इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता। महात्मा गांधी कÞ आह्वान पर लाखों छात्र अंग्रेजी सरकार द्बारा स्थापित स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को छोड़कर अनंत क्षेत्र में उतर आए थे। अंग्रेजी सरकार ने उन्हें उनकÞ कैरियर की दुहाई दी। लेकिन छात्र वर्ग हर दुहाई को ढकोर मार आजादी की जंग में कूद पड़ा। युवा पीढी को मूल मुद्दों से हटाने कÞ लिए कैरियर का लालच देकर खड़ा करने वाली साम्राज्यवादी सरकारें उखड़ गई। जिसे ऐसा माना जाता है कि भारतीय इतिहास को युवा- छात्र आंदोलन की सदा आश्वयकता रही है। इसलिए देश में राष्ट्रीय प्रश्नों पर खड़ा छात्र आंदोलन का इतिहास बहुत पूराना रहा है। 15 अग
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              सच्चा मुस्लिम प्रेम: तुष्टिकरण या विकास  मुकेश शर्मा 16वीं लोकसभा चुनाव में हर राजनैतिक पार्टी मुस्लिम प्रेम की हर हद पार कर उन्हें गले लगाना चाहती है। सपा, बसपा और कांग्रेस ने तो दोनों हाथों में लड्डु लेकर मुस्लिमों को आकर्षिक करना शुरू कर दिया है। उन्हें नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के डर से सताया जा रहा है। इसलिए अनाप-शनाप बयानबाजी की जा रही है। जबकि मोदी किसी चाल से नहीं, बल्कि दिल से मुस्लिमों को अपनाना चाहते है। इस सकारात्मक राजनीति से टीवी चैनलों को कोई टीआरपी वाली खबर नहीं मिल रही। तभी तो मोदी के मुस्लिम प्रेम का कहीं ज्यादा विवरण नहीं है। इससे भाजपा कार्यकत्ताã भी दुविधा में है। उसे अब भी लग रहा है कि मुस्लिम समाज बदला नहीं है। वह आज भी नफरत और तुष्टिकरण की राजनीति में विश्वास करता है। लेकिन अब मुस्लिम बदल गया है, वह भी अपना विकास करना चाहता है। उसकी सोच भी बदल रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुस्लिम समुदाय के सारे लोग, चाहे वे पढ़े-लिखे हो या थोड़ा बहुत लिखना-पढ़ना जानते हों, अमीर हों या गरीब, निजी कारोबार करते हों या नौकरीपेशा हो, सब कांग्रेस से