Posts

Showing posts from December, 2020

कांट्रैक्ट फार्मिंग कानून होता, तो नहीं बंद होता टमाटर पेस्ट प्लांट

किसानों के नाम पर जारी आंदोलन में शामिल तमाम किसान संगठनों और राजनीतिक दलों को एकबार पंजाब के गांव जहूरा की इस कहानी और घटनाक्रम को जरूर पढना और समझना चाहिए। राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर होशियारपुर व जालंधर जिलों की सीमा पर स्थित है गांव जहूरा। वैसे तो यह गांव पंजाब के 13 हजार अन्य गांवों जैसा ही है, पर आज जब पूरे देश में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों पर चर्चा छिड़ी है तो ऐसे में इस गांव का जिक्र अत्यंत जरूरी और सामयिक है। यह देशभर में एकमात्र वह गांव है, जहां पेप्सिको जैसी मल्टीनेशनल कंपनी ने भारत प्रवेश की आज्ञा के बाद टमाटर से पेस्ट बनाने वाला देश का सबसे पहला प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया था। इस प्लांट के शुरू होने से लेकर अब तक के सफर की कहानी में सिमटा है इन नए कृषि कानूनों की अहमियत और जरूरत का वह सार जिसे आज विपक्षी दलों समेत तमाम किसान संगठन पूरी तरह नजरअंदाज कर विरोध में खड़े हैं। वर्ष 1989 में प्लांट लगते ही यहां के हजारों किसानों ने कंपनी के साथ किए अनुबंध के तहत उसके द्वारा दी गई टमाटर की उन्नत किस्मों के बीजों का प्रयोग किया। बाजार में कीमत कंपनी अनुबंध के तहत तय

जानकारी की कमी, कृषि कानूनों पर आंदोलन

किसानों के हितों में तीन बिल (विधेयक) पारित होने के साथ ही कृषि सुधार की पहल एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है। बीते आठ दिन से किसान आंदोलन के नाम पर कुछ राजनीतिक दल और संगठन किसानों को भड़काकर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे है। परिणामस्वरूप कई राज्यों में किसान सड़क पर उतर चुके हैं। कृषि सुधार वास्तव में हैं क्या और उनसे नफा है या नुकसान, यह बात पीछे छोड़ हर सियासी दल आगामी विधानसभा चुनावों के लिए इस मुद्दे को अवसर मानते हुए किसानों के आंदोलन की आग में घी डालने पर उतर आया है। नतीजन पंजाब से लेकर महाराष्ट्र तक कई दल इसका विरोध कर रहे हैं। इन विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा तक दे दिया है। निहित स्वार्थ-प्रेरित आढ़तिया लॉबी द्वारा भड़काए गए किसानों के सड़क पर उतर आने के बाद अब कुछ राजनीतिक दलों में इन विधेयकों का विरोध करते हुए किसान हितैषी दिखने की होड़ मच गई है। दरअसल यह आढ़तिया लॉबी द्वारा प्रायोजित और वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित विरोध है। ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है कि इन विधेयकों में क्या खास है और क्यों इनका विरोध हो रहा है। क्