ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के प्रेरक वचऩ ...
आपको खुद अपना निमार्ण करना है और जिंदगी को सँवारना है।
अदम्य साहस का दूसरा कदम है किसी लक्ष्य या ध्येय का पूरा करने के रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं पर विजय पाने की क्षमता।
जब कोई अभियान प्रगति पर हो तो हमेशा कुछ-न-कुछ समस्याएँ या असफलताएँ सामने आती ही हैं, किंतु असफलताओं के कारण कार्यक्रम बाधित नहीं होना चाहिए।
फूल को देखो-वह कितनी उदारता से अपनी खुशबू और शहद बाँटता है। वह हर किसी को देता है, प्यार बिखेरता है, और जब उसका काम पूरा हो जाता है तो चुपपाच झड़ जाता है। फूल की तरह बनने की कोशिश करो, जिसमें इतनी खूबियों के बावजूद जरा भी घमंड नहीं।
सितारों को न छू पाना कोई शर्म की बात नहीं, किंतु सितारों को छू पाने का सपना ही न होना, वाकई ही शर्म की बात है।
विज्ञान मानवता को ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान है। तर्क आधारित- विज्ञान समाज की पूँजी होता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अध्यात्म से जुड़ने पर दोनों का भविष्य टिका हुआ है।
प्रतयेक व्यक्ति का जीवन मानव इतिहास का एक पृष्ठ है, चाहे वह किसी भी पद पर आसीन अथवा किसी भी कार्य में संलग्न हो।
कुछ कर दिखाने के लिए अपनी सारी प्रतिभा और जिजीविषा से जुटे रहने वाले लोगों से कल्पना चावला प्रेरित होती थी।
सात साल के लिए कोई बच्चा मेरी निगरानी में रह जाये, फिर भगवान हो या शैतान, कोई भी इसे बदल नहीं सकता।
ज्ञान प्राप्त करने के लिए चिंतन एवं कल्पना की स्वतंत्रता आवश्यक है और शिक्षक को इसके लिए उपयुक्त माहौल का निर्माण करना चाहिए।
प्रकृति की आंतरिक सुंदरता की लोककल्याणकारी अभिव्यक्ति है कला। वह चाहे कार्टून, मूर्ति या फिर साहित्यिक कृति के रुप में हो। कला संसार को देखने और इससे आनंदित होने के लिए मधुर भाव भर देती है। ऐसा भाव मौन रहते हुए भी प्रेम, प्रसन्नता, स्नेह और शांति का संदेश बखूबी बिखेरता है…।
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