कुछ तो सीखो जापान से

आज विभिन्न ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल थी। हर विभाग, कार्यालय में मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। आम लोगों के रोजमर्रा के काम नहीं हो पाए। सुनकर आश्चर्य होगा एक दिन की हड़ताल ने देश को 26000 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान किया। अब हमारे कर्मचारी नेताओं को अब अपना ट्रेड बदल लेना चाहिए। उदाहरण जापान हो सकता है। यहां हड़ताल या बंदी के दौरान विरोध करने का एक अलग तरीका है। जब वहाँ के जूता फैक्ट्री के लोगों ने हड़ताल शुरू होती है तो वे काम नहीं रोकते। बल्कि उसे और बढ़ा देते है। उन्हें मालूम है कि आज या कल उनकी बात तो सुनी जाएगी ही। वे लोग एक ही पैर के जूते का उत्पादन शुरू कर देते है। जिससे कंपनी के स्टॉक में एक ही पैर के जूतों का स्टॉक काफी बढ़ गया , जिससे कंपनी प्रबंधन को उनकी मांगें माननी पड़ती है। अब जब हड़ताल खत्म हो गई तो दूसरे पैर का जूता बनाने लगते है। इससे न तो काम का नुकसान होता है, न ही श्रम का और न ही कंपनी का। हड़ताल के इस तरीके को यदि हम अपने देश में लागू करें तो निश्चित ही हड़ताल के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है। 

Comments

Popular posts from this blog

एबीवीपी: व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण

लोकसभा चुनाव 2019: इन 10 वजहों से हरियाणा की सभी सीटों पर जीतेगी BJP

राष्ट्रीय पुर्ननिर्माण में जूटा विद्यार्थी परिषद् और उसकी जरूरत