फरीदाबाद में क्यों जरूरी है यूनिवर्सिटी

पिछले तीन-चार साल से हम फरीदाबाद में कभी रीजनल सेंटर तो कभी विश्वविद्यालय की मांग को लेकर आंदोलन होते देख रहे है। विभिन्न छात्र संगठन अपनी क्षमता मुताबिक आवाज बुलंद कर रहे है। मेरा खुद भी मानना है कि फरीदाबाद को एक सरकारी विश्वविद्यालय की जरूरत है। शहर के युवाओं में गुणवत्ता शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की जरूरत और बढ़ जाती है। पिछले चार साल के दौरान एमडीयू का जिस तरह की कार्यशैली सामने आई है। उससे प्रतीत होता है कि यूनिवर्सिटी फरीदाबाद के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कई प्रश्र है, जिनके आधार पर छात्र समुदाय विश्वविद्यालय की मांग को और तेज कर सकता है। 


-जब हिसार में तीन, रोहतक में दो, भिवानी, जींद, सोनीपत, सिरसा, कुरूक्षेत्र में यूनिवर्सिटी हो सकती है। तो फरीदाबाद यूनिवर्सिटी से महरूम क्यों? 
-इन सब जिलों में औसतन दूरी 60 किलोमीटर है। जबकि फरीदाबाद से रोहतक की दूरी 120 किलोमीटर है। इसके बावजूद यहां विश्वविद्यालय नहीं?
-छोटे-छोटे काम के लिए छात्र को रोहतक जाना पड़ता है, जिससे छात्र का आर्थिक शोषण के साथ मानसिक शोषण भी होता है। 
-फरीदाबाद गुडग़ांव के बाद हरियाणा सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला जिला है, फिर भी यहां विश्वविद्यालय क्यों नहीं?
-जनसंख्या की दृष्टि से फरीदाबाद हरियाणा का सबसे बड़ा जिला है। 

फरीदाबाद आंकड़े में -सर्वाधिक जनसंख्या वाला जिला-सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व वाला जिला-सर्वाधिक राजस्व देने वाला दूसरा जिला-जनसंख्या 17 लाख, 98 हजार, 954 (जनगणना 2011 के मुताबिक)-कालेज छात्र संख्या: 90, 000 -इंजीनियरिंग कालेज- 22-सरकारी कॉलेज- 6-प्राईवेट यूनिवर्सिटी- 4-बीएड कालेज= 26-वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल- 50-सरकारी स्कूल छात्र संख्या: 1, 20, 354-तकनीकी यूनिवर्सिटी-एक

एमडीयू द्वारा घोषित गलत परीक्षा परिणाम:
-2012 में नेहरू कालेज के बीकॉम पांचवे सेमेस्टर के 350 छात्रों को फेल कर दिया गया। 40 दिन के आंदोलन के बाद एमडीयू ने रि-चैकिंग कराई। उसमें 60 से ज्यादा छात्र पास हुए। अपनी गलती को छुपाते हुए एमडीयू ने एक माह में दोबारा परीक्षा आयोजित कराई। 
-2012 में राजकीय महिला कॉलेज की बीकॉम पांचवें सेमेस्टर में 100 से अधिक छात्राओं को टैक्सेशन के पेपर में फेल कर दिया गया था। 
-2012 में राजकीय महिला कॉलेज की बीए फस्र्ट ईयर सेकंड सेमेस्टर में एक साथ 200 छात्राओं को हिंदी में फेल कर दिया। 
-2013 में अग्रवाल कॉलेज की बीए सैंकेड़ और फाइनल ईयर की 267 और 350 छात्राओं को इंग्लिश विषय में फेल किया गया। 
-2013 में बीएस अंगनपुरिया इंजीनियरिंग कॉलेज के मेकैनिकल ब्रांच के स्ट्रेंथ ऑफ मटीरियल में 130 में से 125 विद्यार्थियों को री-अपीयर कर दिया गया। किसी को 10 से ज्यादा अंक नहीं दिए गए।
-2014 में राजकीय महिला कॉलेज की बीए फस्र्ट ईयर के सेकेंड सेमेस्टर की 80 छात्राएं मैथ, कैमिस्ट्री और इंग्लिश व हिंदी में फेल किया गया। 
-2015 में डीएवी शताब्दी कॉलेज के बीएससी पांचवे सेेमेस्टर के छात्रों को फेल किया गया। जबकि इन छात्रों में से अधिकांश छात्रों का गेट जैसी परीक्षा पास कर वाईएमसीए में एमएससी फिजिक्स में दाखिला हो गया था। इसीतरह इन छात्रों में से आईआईटी और विपो जैसे नामी-गिरामी कंपनी में चयन हुआ। लेकिन, विश्वविद्यालय द्वारा घोषित गलत रिजल्ट ने छात्रों का भविष्य अधर में लटका दिया। 
लगातार गिर रहा है शिक्षा का स्तरबारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में 2014 में फरीदाबाद जिला महज 52.17 फीसदी पास प्रतिशता हासिल आखिरी पायदान पर रहा। फरीदाबाद इस बार 12वीं के नतीजों में प्रदेश में 21वें नंबर पर है। हालांकि पिछले साल वह 18वें नंबर पर था। कालेज के परीक्षा परिणामों पर नजर डालें तो इस वर्ष बीए प्रथम सेमेस्टर में जिले के मात्र 13.7 प्रतिशत, बीएससी प्रथम सेमेस्टर में 45 प्रतिशत और बीकॉम प्रथम सेमेस्टर में 35 प्रतिशत परीक्षा परिणाम आया। वहीं, एमए में 55 और एमकॉम में 53 प्रतिशत रहा। पिछले कई साल से विश्वविद्यालय में फरीदाबाद शिक्षा क्षेत्र में कोई उत्कृष्ट पदक नहीं जीत पाया है। 

जिलानुसार 12वीं का परिणाम जिला        2015         2014पलवल      54.88        71.49गुडगांव      46.62        72.83फरीदाबाद   46.04        66.51मेवात       32.23        70.33


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