एबीवीपी: व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण
राष्ट्रभक्ति ले हृदय में, हो खडा यदि देश सारा। संकटों पर मात कर यह राष्ट्र विजयी हो हमारा।। ये पंक्तियां 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्' ( ABVP) जैसे दूरदर्शी, समदर्शी, सर्वसमावेशी संगठन का ध्येय मंत्र है। तभी तो ऐसे गीतों को गाकर परिषद् के कार्यकर्ताओं का सीना चौड़ा, भुजाएं फौलादी और आत्मविश्वास दुगुना हो जाता है। तब एक सामान्य सा छात्र एक ऐसा व्यक्ति बन जाता है, जो कुछ भी कर गुजरने की इच्छा रखता है। उसमें इतना जोश रहता है कि वह किसी भी चुनौती को स्वीकारने के लिए तैयार रहता है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्रनिर्माण के इस मन्त्र ने हजारों छात्र-युवाओं को दिशा दी है। इसलिए आज समाज ने स्वीकार किया है कि छात्र शक्ति ही राष्ट्रशक्ति है। स्वतंत्रता आन्दोलन में छात्रों की प्रमुख भूमिका रही है, इस बात से कोई इंकार नहीं कर सकता। महात्मा गांधी के आह्वान पर लाखों छात्र अंग्रेजी सरकार द्वारा स्थापित स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को छोडकर आजादी के आंदोलन में कूद पडें थे। उस समय अंग्रेजी सरकार ने छात्रों को उनके कैरियर की दुहाई दी। लेकिन, छात्र समुदाय ने कैरियर क
कितने क़त्ल कर दिए दंगाइयो ने ? आगजनी की घटना के पीछे भी प्रशासन का भेदभाव व दोषपूर्ण रवैया था। और वोअब भी जारी है। हिन्दुओ पर हुए हमलों पर क्यों कार्यवाही नहीं हुयी ? संदीप को तो खुद पुलिस ने ही अस्पताल पहुंचाया था।
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