जानकारी की कमी, कृषि कानूनों पर आंदोलन
किसानों के हितों में तीन बिल (विधेयक) पारित होने के साथ ही कृषि सुधार की पहल एक राजनीतिक मुद्दा बन गई है। बीते आठ दिन से किसान आंदोलन के नाम पर कुछ राजनीतिक दल और संगठन किसानों को भड़काकर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे है। परिणामस्वरूप कई राज्यों में किसान सड़क पर उतर चुके हैं। कृषि सुधार वास्तव में हैं क्या और उनसे नफा है या नुकसान, यह बात पीछे छोड़ हर सियासी दल आगामी विधानसभा चुनावों के लिए इस मुद्दे को अवसर मानते हुए किसानों के आंदोलन की आग में घी डालने पर उतर आया है। नतीजन पंजाब से लेकर महाराष्ट्र तक कई दल इसका विरोध कर रहे हैं। इन विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा तक दे दिया है। निहित स्वार्थ-प्रेरित आढ़तिया लॉबी द्वारा भड़काए गए किसानों के सड़क पर उतर आने के बाद अब कुछ राजनीतिक दलों में इन विधेयकों का विरोध करते हुए किसान हितैषी दिखने की होड़ मच गई है। दरअसल यह आढ़तिया लॉबी द्वारा प्रायोजित और वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित विरोध है। ऐसे में यह जानना बेहद जरुरी है कि इन विधेयकों में क्या खास है और क्यों इनका विरोध हो रहा है। क्...
कितने क़त्ल कर दिए दंगाइयो ने ? आगजनी की घटना के पीछे भी प्रशासन का भेदभाव व दोषपूर्ण रवैया था। और वोअब भी जारी है। हिन्दुओ पर हुए हमलों पर क्यों कार्यवाही नहीं हुयी ? संदीप को तो खुद पुलिस ने ही अस्पताल पहुंचाया था।
ReplyDelete